The Senior Citizen old age home
■Story
This story is of a small village. About 25 years ago in that village. An elderly woman lived with a son and four daughters. All those children were married. One day the husband of that elderly woman dies suddenly. After the death of her husband, the only support becomes her son. The elderly woman started living with the help of her son. A few days later, there is a quarrel between the son and daughter-in-law of that elderly woman and the daughter-in-law makes some arrangements about that elderly woman and even refuses to feed the elderly woman. Again, that old woman's life gets dark in the life, then that elderly woman started working in nearby houses to live and feed her life.
■Story
This story is of a small village. About 25 years ago in that village. An elderly woman lived with a son and four daughters. All those children were married. One day the husband of that elderly woman dies suddenly. After the death of her husband, the only support becomes her son. The elderly woman started living with the help of her son. A few days later, there is a quarrel between the son and daughter-in-law of that elderly woman and the daughter-in-law makes some arrangements about that elderly woman and even refuses to feed the elderly woman. Again, that old woman's life gets dark in the life, then that elderly woman started working in nearby houses to live and feed her life.
Suddenly, one day he dies and the villagers perform his last rites.
Name- Nargis
Village-Daniha
✒Waseem Akhtar
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The Senior Citizen old age home
■Story
यह कहानी एक छोटी सी गांव की हैं। उस गांव में आज से करीब 25 वर्ष पूर्व. एक बुजुर्ग महिला रहती थी उसकी एक बेटा और चार बेटियाँ थी. उन सब बच्चों की शादी हो गयी थी. एक दिन अचानक उस बुजुर्ग महिला की पति की मृत्यु हो जाती हैं. पति की मृत्यु के बाद एक मात्र सहारा उका बेटा हो जाता है. उस बुजुर्ग महिला ने अपने बेटा के सहारे जीवन बितने लगे. कुछ दिन बाद उस बुजुर्ग महिला की बेटा और बहू के बीच झगड़ा हो जाता है और बहू उस बुजुर्ग महिला के बारे में कुछ इन्जाम लगा देती है और तो और उस बुजुर्ग महिला को खिलाने पिलाने से भी इन्कार कर देती है. फिर से उस बुजुर्ग महिला की जींदगी में अन्धेरा सा छा जाती है फिर वह बुजुर्ग महिला अपना भरण पोषण के लिए आस पास के घरों में काम करने लगे और अपना जीवन बितने लगे.
■Story
यह कहानी एक छोटी सी गांव की हैं। उस गांव में आज से करीब 25 वर्ष पूर्व. एक बुजुर्ग महिला रहती थी उसकी एक बेटा और चार बेटियाँ थी. उन सब बच्चों की शादी हो गयी थी. एक दिन अचानक उस बुजुर्ग महिला की पति की मृत्यु हो जाती हैं. पति की मृत्यु के बाद एक मात्र सहारा उका बेटा हो जाता है. उस बुजुर्ग महिला ने अपने बेटा के सहारे जीवन बितने लगे. कुछ दिन बाद उस बुजुर्ग महिला की बेटा और बहू के बीच झगड़ा हो जाता है और बहू उस बुजुर्ग महिला के बारे में कुछ इन्जाम लगा देती है और तो और उस बुजुर्ग महिला को खिलाने पिलाने से भी इन्कार कर देती है. फिर से उस बुजुर्ग महिला की जींदगी में अन्धेरा सा छा जाती है फिर वह बुजुर्ग महिला अपना भरण पोषण के लिए आस पास के घरों में काम करने लगे और अपना जीवन बितने लगे.
अचानक एक दिन उन की मृत्यु हो जाती हैं और गाँव वाले उनका अन्तिम संस्कार कर देती हैं.
नाम- नर्गिस
गाँव- दनिहाँ
✒Waseem Akhtar